2024 में आईटी इंडस्ट्री में छंटनी का कहर: 1 लाख 35 हजार से ज्यादा लोगों की गई नौकरी

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2024 में आईटी इंडस्ट्री में छंटनी का कहर: 1 लाख 35 हजार से ज्यादा लोगों की गई नौकरी

 

2024 IT Industry Layoffs: Over 135,000 Jobs Lost

2024 में आईटी इंडस्ट्री में छंटनी का कहर: 1 लाख 35 हजार से ज्यादा लोगों की गई नौकरी

साल 2024 की शुरुआत आईटी सेक्टर के कर्मचारियों के लिए बेहद निराशाजनक रही है। टेक्नोलॉजी सेक्टर में इस साल अब तक बड़े पैमाने पर छंटनी देखी गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, 2024 में 1 लाख 35 हजार से अधिक लोगों ने अपनी नौकरी गंवाई है, जो बीते दो सालों के मुकाबले बहुत अधिक है। साल 2022 और 2023 में बड़े पैमाने पर छंटनी देखने के बाद, 2024 में भी यह सिलसिला जारी है, जिससे आईटी इंडस्ट्री में बेचैनी और अनिश्चितता का माहौल पैदा हो गया है।

प्रमुख कंपनियों की छंटनी और उसका असर

टेस्ला, अमेज़न, गूगल, टिकटॉक, स्नैप, और माइक्रोसॉफ्ट जैसी दिग्गज कंपनियों ने 2024 के शुरुआती महीनों में ही बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी कर दी है। इन कंपनियों के ले-ऑफ से तकनीकी जगत में एक नया संकट उत्पन्न हुआ है। सिर्फ बड़ी कंपनियाँ ही नहीं, बल्कि छोटे स्टार्टअप्स भी इस छंटनी की लहर से अछूते नहीं रहे हैं; कई स्टार्टअप्स तो अपने ऑपरेशन्स तक बंद करने पर मजबूर हो गए हैं।

 

Layoffs.fyi का डेटा और सर्वे के परिणाम

Layoffs.fyi के आंकड़ों के अनुसार, साल की शुरुआत से ही आईटी सेक्टर में हजारों कर्मचारियों की छंटनी हुई है, और यह प्रवृत्ति अगस्त 2024 के अंत तक जारी रही। अगस्त 2024 में, 26,000 से अधिक लोगों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा, जो इस महीने के दौरान 40 से अधिक लेऑफ के कारण हुआ। इनमें इंटेल, सिस्को, और आईबीएम जैसी बड़ी कंपनियाँ शामिल हैं।

एक हालिया सर्वेक्षण में पाया गया कि 2024 में छंटनी से प्रभावित 68% कर्मचारी अभी भी नई नौकरियों की तलाश में हैं, जबकि 21% ने अपने क्षेत्र को पूरी तरह से बदल दिया है। सर्वे में यह भी सामने आया कि छंटनी से प्रभावित 45% कर्मचारी मानसिक तनाव और असुरक्षा महसूस कर रहे हैं। लगभग 30% प्रभावित कर्मचारियों ने अपने भविष्य के करियर को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है।

 

बड़ी कंपनियों में छंटनी की स्थिति

इस साल, इंटेल ने अपने कुल कर्मचारियों की संख्या में 15% की कटौती करने का निर्णय लिया है, जिससे लगभग 15,000 लोगों की नौकरी चली जाएगी। यह फैसला कंपनी ने खर्च में कटौती के प्रयासों के तहत लिया है। इसी तरह, सिस्को भी अपने कर्मचारियों की संख्या में 7% की कटौती कर रही है, जिससे लगभग 6,000 कर्मचारी प्रभावित होंगे। आईबीएम ने भी अपने चीन स्थित अनुसंधान और विकास केंद्र को बंद कर 1,000 कर्मचारियों की छंटनी की है। आईटी हार्डवेयर की घटती मांग के कारण इन कंपनियों ने यह कदम उठाया है।

Apple ने अपने सेवा प्रभाग से हाल ही में 100 कर्मचारियों की छंटनी की है। GoPro ने भी अपनी कर्मचारियों की संख्या में 15% की कटौती की योजना बनाई है, जिससे 2024 के अंत तक 140 लोगों की नौकरी जा सकती है। डेल टेक्नोलॉजीज ने भी अपने वैश्विक कर्मचारियों की संख्या में 10% की कटौती की है, जिससे 12,500 कर्मचारी प्रभावित हुए हैं। 2023 में आईटी कंपनियों में छंटनी में 15% की वृद्धि देखी गई, और यह 2024 में भी जारी है।

 

मासिक छंटनी के आंकड़े

आंकड़ों की मानें तो छंटनी का यह सिलसिला 2024 के हर महीने में जारी रहा:

  • जनवरी 2024: 34,107 कर्मचारियों की छंटनी
  • फरवरी 2024: 15,639 कर्मचारियों की छंटनी
  • मार्च 2024: 7,403 कर्मचारियों की छंटनी
  • अप्रैल 2024: 22,423 कर्मचारियों की छंटनी
  • मई 2024: 11,011 कर्मचारियों की छंटनी
  • जून 2024: 10,083 कर्मचारियों की छंटनी
  • जुलाई 2024: 9,051 कर्मचारियों की छंटनी
  • अगस्त 2024: 26,024 कर्मचारियों की छंटनी

 

सर्वे के अन्य महत्वपूर्ण निष्कर्ष

एक अन्य सर्वेक्षण, जिसमें 5,000 से अधिक आईटी पेशेवरों ने भाग लिया, ने खुलासा किया कि:

  • 35% कर्मचारियों का मानना है कि उनकी नौकरी पर अगले छह महीनों में खतरा मंडरा रहा है।
  • 40% कर्मचारियों ने बताया कि वे अपनी कंपनियों में नौकरी की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
  • 25% ने कहा कि वे छंटनी के जोखिम को देखते हुए विदेशों में अवसरों की तलाश कर रहे हैं।
  • लगभग 50% कर्मचारियों ने स्वीकार किया कि वे अतिरिक्त कौशल सीखने और उन्नति के लिए अपनी शिक्षा में निवेश कर रहे हैं, ताकि वे भविष्य के लिए तैयार रह सकें।

 

क्यों हो रही हैं छंटनियाँ?

2024 में आईटी सेक्टर में छंटनी के कई प्रमुख कारण सामने आए हैं। इनमें आर्थिक मंदी, लागत में कटौती, और बढ़ते प्रतिस्पर्धी माहौल के साथ ही अत्यधिक स्वचालन का बढ़ता उपयोग शामिल है। कंपनियाँ अपने व्यापार को अधिक कुशल और कम खर्चीला बनाने के प्रयास में कर्मचारियों की संख्या में कटौती कर रही हैं। साथ ही, बाजार की बदलती स्थितियों के अनुसार, कंपनियाँ नए कौशल वाले कर्मचारियों को प्राथमिकता दे रही हैं, जिसके कारण पुराने कर्मचारियों पर ले-ऑफ की गाज गिर रही है।

आईटी सेक्टर में यह संकट कब तक चलेगा, यह कहना मुश्किल है, लेकिन मौजूदा आंकड़े संकेत देते हैं कि 2024 का वर्ष तकनीकी कर्मचारियों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहेगा।

 

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