बिहार जमीन सर्वे 2024 से तय नहीं होगा पारिवारिक बटवारा, कैसे होगा बिहार में जमीन पारिवारिक बटवारा 2024

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बिहार जमीन सर्वे 2024 से तय नहीं होगा पारिवारिक बटवारा, कैसे होगा बिहार में जमीन पारिवारिक बटवारा 2024

Bihar Land Division: Family Partition Won't Be Decided by Bihar Land Survey 2024

 

Bihar Land Survey:  बिहार जमीन सर्वे 2024 से तय नहीं होगा पारिवारिक बटवारा,

कैसे होगा बिहार में जमीन पारिवारिक बटवारा 2024

 

अगर आप बिहार के निवासी हैं और बिहार में ज़मीन सर्वे 2024 के तहत पारिवारिक बंटवारे को लेकर चल रहे राजस्व विभाग के आदेशों के बारे में जानकारी चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए है। इस लेख में हम आपको बिहार जमीन बंटवारे के संबंध में पूरी जानकारी देंगे और बताएंगे कि इस सर्वे के तहत क्या-क्या प्रक्रियाएँ अपनाई जा रही हैं, ताकि आप हर जानकारी से अवगत हो सकें।

 

बिहार जमीन बंटवारा 2024 – एक नजर

बिहार सरकार ने करीब 50 साल बाद राज्य में ज़मीन सर्वेक्षण का कार्य फिर से शुरू किया है। यह सर्वेक्षण बिहार के करीब 45,000 गांवों में किया जा रहा है और इसे एक साल के अंदर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। ज़मीन सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य राज्य के हर किसान और ज़मीन मालिक की ज़मीन को चिह्नित करना और उसे राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करना है। इस सर्वे के दौरान सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस प्रक्रिया के तहत पारिवारिक बंटवारे का निर्धारण नहीं होगा। पारिवारिक बंटवारा हमेशा परिवार के सदस्यों की आपसी सहमति से ही किया जाएगा।

 

पारिवारिक बंटवारा – राजस्व विभाग का स्पष्टीकरण

राजस्व विभाग ने इस मुद्दे पर हाल ही में एक आधिकारिक स्पष्टीकरण जारी किया है। उनके अनुसार, ज़मीन सर्वे के दौरान पारिवारिक सदस्यों के नाम दर्ज करने का मतलब यह नहीं है कि बंटवारा हो चुका है। पारिवारिक बंटवारे के लिए सभी परिवार के सदस्यों की सहमति होना जरूरी है। अगर परिवार के सदस्य आपसी सहमति से बंटवारे का कागज़ात जमा करते हैं, तो वह सर्वे में दर्ज किया जा सकता है। लेकिन बिना सहमति के ऐसा कोई बंटवारा मान्य नहीं होगा।

 

खतियान कैसे बनेगा?

ज़मीन सर्वे के दौरान प्रत्येक किसान और ज़मीन मालिक के नाम पर उनके वंशावली के आधार पर खतियान तैयार किया जाएगा। इसमें उनकी सभी ज़मीन का विवरण दर्ज होगा, लेकिन कौन सा हिस्सा किसे मिलेगा, इसका फैसला परिवार के बंटवारे के कागजात के आधार पर ही होगा।

 

सर्वे के बाद मिलेगा 'भूमि कार्ड'

सर्वेक्षण पूरा होने के बाद, हर ज़मीन मालिक को एक विशेष 'भूमि कार्ड' जारी किया जाएगा, जिसमें उनकी ज़मीन का पूरा विवरण होगा। इस कार्ड का उपयोग सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए भी किया जाएगा। यह प्रक्रिया राशन कार्ड की तरह ही होगी, जिसमें आपकी सारी ज़मीन और अन्य जानकारी दर्ज होगी।

 

पारिवारिक बंटवारा – आवेदन और अवसर

राजस्व विभाग ने ज़मीन मालिकों को अपने पक्ष रखने के तीन अवसर दिए हैं:

  1. पहला अवसर: अगर आवेदक के पास सर्वे के दौरान ज़मीन के कागजात नहीं हैं, तो वे स्व-घोषणा कर सकते हैं।
  2. दूसरा अवसर: अगर बाद में कागजात मिल जाते हैं, तो वे राजस्व शिविर में जाकर इन्हें जमा कर सकते हैं।
  3. तीसरा अवसर: अगर ड्राफ्ट प्रकाशन में उनका नाम नहीं आता है या वे अपनी बात नहीं रख पाए हैं, तो वे अपील कर सकते हैं।

 

ज़मीन सर्वेक्षण से जुड़े दस्तावेज कैसे डाउनलोड करें?

बिहार ज़मीन सर्वे 2024 के तहत ज़रूरी दस्तावेज़ जैसे खतियान और रजिस्टर-2 को डाउनलोड करने के लिए आप इस लिंक पर जा सकते हैं: Bihar Zameen Survey Documents। यहाँ से आप अपने सभी ज़रूरी फॉर्म और दस्तावेज़ सीधे डाउनलोड कर सकते हैं।

 

बिहार ज़मीन सर्वे का उद्देश्य

इस सर्वे का मुख्य उद्देश्य यह है कि बिहार की ज़मीनों का सही-सही रिकॉर्ड तैयार किया जाए और इसे डिजिटल रूप में संरक्षित किया जाए। इसके अलावा, ज़मीन मालिकों को सरकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करना और ज़मीन विवादों को सुलझाने में सहायता करना भी इसका उद्देश्य है। यह सर्वेक्षण ज़मीन के मालिकाना हक को स्पष्ट रूप से तय करने में मदद करेगा, जिससे ज़मीन संबंधी विवादों में कमी आएगी।

सरकार ने इस सर्वेक्षण प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने के लिए डिजिटल तकनीक का भी उपयोग किया है, ताकि डेटा संग्रह और प्रसंस्करण तेजी से हो सके। इसके साथ ही, सरकार ने लोगों से आग्रह किया है कि वे अपने ज़मीन के दस्तावेज़ों को समय पर प्रस्तुत करें ताकि सर्वेक्षण सही ढंग से पूरा हो सके।

इस प्रकार, बिहार ज़मीन बंटवारा सर्वे 2024 से न सिर्फ ज़मीन के मालिकाना हक़ पर स्पष्टता आएगी, बल्कि यह भविष्य में ज़मीन विवादों को भी कम करने में मददगार साबित होगा।

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