ग्रेजुएशन में बदलाव: अब 45% अंक लाने पर ही पास, थर्ड डिवीजन हुआ समाप्त

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ग्रेजुएशन में बदलाव: अब 45% अंक लाने पर ही पास, थर्ड डिवीजन हुआ समाप्त

Graduation Reform: Minimum 45% Marks Required to Pass, Third Division Eliminated

ग्रेजुएशन में बदलाव: अब 45% अंक लाने पर ही पास, थर्ड डिवीजन हुआ समाप्त

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त करने के लिए अब पहले के मुकाबले कड़े मापदंड निर्धारित किए गए हैं। पहले जहां 33 से 45 प्रतिशत अंक लाने वाले विद्यार्थियों को थर्ड डिवीजन के तहत उत्तीर्ण माना जाता था, वहीं अब पास होने के लिए कम से कम 45 प्रतिशत अंक अनिवार्य कर दिए गए हैं। इससे कम अंक लाने पर विद्यार्थी फेल माने जाएंगे। अब थर्ड डिवीजन की कैटेगरी समाप्त कर दी गई है, और पास-फेल का निर्धारण ग्रेड के आधार पर किया जाएगा।

 

नया ग्रेडिंग सिस्टम

नई शिक्षा नीति के अनुसार, अब विद्यार्थियों को रिजल्ट प्रतिशत की जगह ग्रेड के आधार पर दिए जाएंगे। ये ग्रेड 8 अलग-अलग कैटेगरी में बांटे गए हैं। इस ग्रेडिंग प्रणाली में न्यूनतम 45% अंक प्राप्त करने पर ही विद्यार्थी पास होंगे, जबकि 45% से कम अंक लाने पर फेल घोषित कर दिया जाएगा। इसी प्रकार, अगर कोई विद्यार्थी किसी विषय की परीक्षा में अनुपस्थित रहता है तो उसे "एबी" (Absent) ग्रेड दिया जाएगा।

ग्रेड सिस्टम तालिका:

प्रतिशत (%) अंक ग्रेड विवरण
85% और अधिक O उत्कृष्ट (Outstanding)
75% - 84.99% A+ बहुत अच्छा (Very Good)
65% - 74.99% A अच्छा (Good)
55% - 64.99% B+ संतोषजनक (Satisfactory)
50% - 54.99% B औसत (Average)
45% - 49.99% P पास (Pass)
45% से कम F फेल (Fail)
अनुपस्थित AB अनुपस्थित (Absent)

 

डिग्री प्राप्त करने की प्रक्रिया

नए पाठ्यक्रम के तहत विद्यार्थी को कई विकल्प दिए गए हैं। अगर कोई विद्यार्थी किसी कारणवश बीच में पढ़ाई छोड़ देता है, तो उसे अब तक की पढ़ाई के आधार पर सर्टिफिकेट या डिप्लोमा दिया जाएगा। यह नीति विद्यार्थियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है, क्योंकि वे अपनी स्थिति और जरूरत के अनुसार अपनी पढ़ाई के स्तर को चिन्हित कर सकते हैं।

  1. एक साल (2 सेमेस्टर) पूरा करने पर: विद्यार्थी को अंडर ग्रेजुएट सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा।
  2. दो साल (4 सेमेस्टर) पूरा करने पर: विद्यार्थी को अंडर ग्रेजुएट डिप्लोमा मिलेगा।
  3. तीन साल (6 सेमेस्टर) पूरा करने पर: विद्यार्थी को ऑनर्स डिग्री प्राप्त होगी।
  4. चार साल (8 सेमेस्टर) पूरा करने पर: विद्यार्थी को ऑनर्स विद रिसर्च डिग्री दी जाएगी, जो रिसर्च के क्षेत्र में आगे बढ़ने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगी।

 

थर्ड डिवीजन का अंत

पहले की शिक्षा प्रणाली में 33% से 45% तक अंक प्राप्त करने पर विद्यार्थियों को थर्ड डिवीजन से उत्तीर्ण किया जाता था। लेकिन नई शिक्षा नीति के तहत यह डिवीजन पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है। अब विद्यार्थियों को किसी भी सेमेस्टर में पास होने के लिए न्यूनतम 45% अंक लाने होंगे। इससे विद्यार्थियों पर अधिक मेहनत करने का दबाव रहेगा और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।

 

नई शिक्षा नीति में ग्रेजुएशन की डिग्री प्रणाली को और अधिक कठोर और पारदर्शी बनाया गया है। यह विद्यार्थियों को उनके शैक्षणिक प्रदर्शन के आधार पर उचित ग्रेड और डिग्री प्रदान करने का काम करेगी, साथ ही साथ उन्हें यह विकल्प भी देगी कि वे अपनी पढ़ाई को अपनी सुविधा के अनुसार पूरा कर सकें।

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