पुश्तैनी जमीन में बंटवारे के लिए किन कागजो कि जरुरत पड़ती है

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पुश्तैनी जमीन में बंटवारे के लिए किन कागजो कि जरुरत पड़ती है

Prepare These 8 Documents Before Partitioning Ancestral Land: A Look at the New Guidelines

पुश्तैनी जमीन के बंटवारे से पहले इन 8 कागजातों को कर लें तैयार: नई गाइडलाइन पर एक नज़र

 

पुश्तैनी जमीन और उससे जुड़े विवादों का समाधान एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है। बिहार में इस स्थिति को "पुश्तैनी जमीन और जाल" कहकर संदर्भित किया जाता है। लेकिन बिहार सरकार ने अब इस जाल को सुलझाने के लिए आपसी सहमति पर आधारित एक नई पहल की है। इस प्रयास की चर्चा अब पूरे राज्य में हो रही है।

 

जमीन के बंटवारे के लिए जरूरी कागजात

सरकार ने भूमि विवादों को हल करने के लिए आपसी बंटवारे को सबसे महत्वपूर्ण माना है। इसके तहत, प्रखंड और अंचल स्तर पर अधिकारियों द्वारा इस मुद्दे के निराकरण के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में, सरकार ने नई गाइडलाइन भी जारी की है। राज्य के कई प्रखंड कार्यालयों में तीन दिनों तक भूमि सुधार से संबंधित कार्य किए जा रहे हैं, जहाँ उन परिवारों की मदद की जा रही है जो अपनी संपत्ति का बंटवारा करवाना चाहते हैं। इसके लिए आपको निम्नलिखित 8 प्रकार के कागजातों की आवश्यकता होगी:

  1. लगान रसीद की छायाप्रति: जिस मौजा की जमीन है, उस मौजा का राजस्व कर्मी यह रसीद जारी करता है। इसके लिए सरकार द्वारा निर्धारित मालगुजारी की राशि सरकारी खजाने में जमा करनी होती है।

  2. भूमि संबंधी दस्तावेज (केवाला, खतियान आदि): जिस जमीन का बंटवारा करना चाहते हैं, उसके केवाला (डीड) और खतियान (रेवेन्यू रिकॉर्ड) प्रस्तुत करना आवश्यक है।

  3. वंशावली: जमीन के मालिक के वंशजों (जैसे पुत्र, पुत्री, पौत्र, पौत्री आदि) की सिलसिलेवार जानकारी एक दस्तावेज पर लिखकर जमा करनी होगी।

  4. जमाबंदी रैयत का मृत्यु प्रमाण-पत्र: जमीन के मूल रैयत (किसान) की मृत्यु होने पर, उनका मृत्यु प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है।

  5. 100 रुपए के स्टांप पर बंटवारा शेड्यूल: (Paper) यह स्टांप पेपर रजिस्ट्री कार्यालय के वेंडर से प्राप्त होता है। इस पर संपत्ति का विवरण और बंटवारा लिखा जाता है, जिसे वैध मान्यता प्राप्त होती है।

  6. आधार कार्ड: सभी हिस्सेदारों के आधार कार्ड अनिवार्य हैं।

  7. सभी हिस्सेदारों की सहमति: बंटवारे के लिए सभी हिस्सेदारों की सहमति आवश्यक है, जो लिखित रूप में होनी चाहिए।

  8. SDM कार्यालय से जारी शपथ-पत्र: एसडीएम कार्यालय से जारी किया गया शपथ-पत्र भी जरूरी है, जो इस बात का प्रमाण होगा कि सभी पक्ष बंटवारे पर सहमत हैं।

   

  इन कागजातों को सही समय पर और पूरी तैयारी के साथ दुरुस्त करने से पुश्तैनी जमीन के बंटवारे की प्रक्रिया को सरल और सुव्यवस्थित किया जा सकता है।

 

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